Special Story

रिश्वतखोर बाबू रंगेहाथ गिरफ्तार! GPF के बदले मांगे थे 50 हजार, एंटी करप्शन ब्यूरो ने दबोचा

रिश्वतखोर बाबू रंगेहाथ गिरफ्तार! GPF के बदले मांगे थे 50 हजार, एंटी करप्शन ब्यूरो ने दबोचा

ShivJun 16, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के चिकित्सा शिक्षा आयुक्त कार्यालय में कार्यरत एक…

महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा – अपराध केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी करती हैं, लव जिहाद पर कही ये बात…

महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा – अपराध केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी करती हैं, लव जिहाद पर कही ये बात…

ShivJun 16, 20251 min read

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक सोमवार…

संकुल समन्वयक पाठय पुस्तक बेचते रंगे हाथों पकड़ाई, डीईओ ने किया निलंबित

संकुल समन्वयक पाठय पुस्तक बेचते रंगे हाथों पकड़ाई, डीईओ ने किया निलंबित

ShivJun 16, 20252 min read

रायपुर। स्कूली बच्चों की किताब बेचने के मामले में संकुल…

June 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

ऑनलाइन बेटिंग एप्स पर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस की तीखी टिप्पणी, कहा- मेहनत से नहीं, शॉर्टकट से पैसा कमाना चाहते हैं लोग, चिन्हित कर करें कार्रवाई…

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन बेटिंग एप्स के फलते-फूलते बाजार को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविन्द वर्मा की डिवीजन बेंच ने मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार, गृह विभाग और केंद्र सरकार को शपथपत्र से हलफनामा दाखिल कर जवाब मांगा है, इसमें महादेव एप उजागर होने के बाद अब तक कितने अन्य एप्स पर एक्शन लिया गया, इसकी जानकारी भी मांगी गई है. मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी.

वहीं, एक सक्रिय सट्टा एप को भी याचिका में शामिल किया गया है. सट्टा एप को लेकर याचिका रायपुर निवासी सुनील नामदेव ने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि कई सट्टा एप्स आज भी सक्रिय हैं. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इन सक्रिय एप्स को चिन्हित कर तत्काल कार्रवाई की जाए.

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने कहा कि लोग अब मेहनत से नहीं, शॉर्टकट से पैसा कमाना चाह रहे हैं, जो समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए खतरनाक है. कोर्ट ने सरकार को यह भी याद दिलाया कि वैध और अवैध के बीच की रेखा टूटनी नहीं चाहिए.

हाई कोर्ट में दायर याचिका में आईपीएल जैसे क्रिकेट के आयोजनों के दौरान सट्टा एप्स के बढ़ते चलन पर भी चिंता जताई गई है. इसके साथ ही निगरानी के लिए एक स्थायी तंत्र बनाए जाने की मांग भी की गई है. हाई कोर्ट ने कहा कि जिन एप्स पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, उन्हें तुरंत चिन्हित किया जाए.