अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2025 में संघ कार्य विस्तार की योजना पर होगी चर्चा तथा बांग्लादेश में हिन्दू उत्पीड़न और संघ की 100 साल की यात्रा पर आएगा प्रस्ताव

बेंगलुरु। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) के समक्ष प्रेस को जानकारी दी। मंच पर दक्षिण मध्य क्षेत्र (कर्नाटक, आंध्र और तेलंगाना) के क्षेत्रीय कार्यवाह एन. टिप्पेस्वामी उपस्थित थे। इस अवसर पर अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार और प्रदीप जोशी भी उपस्थित थे।
इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी वार्षिक एबीपीएस, जो कि वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण बैठक है, 21, 22 और 23 मार्च को जनसेवा विद्या केंद्र परिसर में आयोजित कर रहा है। सुनील आंबेकर ने बताया कि एबीपीएस की शुरुआत में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले संघ कार्य की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, इसके बाद विभिन्न प्रांतों के पदाधिकारियों द्वारा देश भर की गतिविधियों और कार्यक्रमों की रिपोर्ट दी जाएगी। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का उद्घाटन समारोह शुक्रवार 21 मार्च 2025 को सुबह 9 बजे जनसेवा विद्याकेंद्र, चन्नेनहल्ली में आयोजित किया जाएगा। आरएसएस सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले संयुक्त रूप से अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का उद्घाटन करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष आरएसएस के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं, इसलिए अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दौरान संघ कार्य के विस्तार पर विचार-विमर्श किया जाएगा। विजयादशमी 2025 से विजयादशमी 2026 तक शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा। इस वर्ष व्यापक संपर्क की योजना बनाई जाएगी और इस संपर्क में सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया जाएगा। पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण जागरूकता, स्वत्व पर जोर और नागरिकों के कर्तव्य) पर भी चर्चा की जाएगी और शताब्दी वर्ष के दौरान सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल करने की योजना बनाई जाएगी।
सुनील आंबेकर ने बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा तीन दिवसीय बैठक में दो प्रस्ताव पारित करेगी। पहला प्रस्ताव बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और आगे की राह पर होगा। दूसरा प्रस्ताव आरएसएस की पिछले 100 वर्षों की यात्रा, शताब्दी वर्ष के दौरान की गई गतिविधियों और आगे की राह पर होगा।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा वीर योद्धा रानी अब्बक्का की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष वक्तव्य भी जारी करेगी। रानी अब्बक्का का जन्म 1525 में हुआ था और वह कर्नाटक की रहने वाली थीं। वक्तव्य में रानी अब्बक्का के अद्वितीय योगदान को मान्यता दी जाएगी। आरएसएस के प्रशिक्षण कार्यक्रमों (प्रशिक्षण वर्गों) पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष आरएसएस द्वारा 95 वर्ग संचालित किए जाएंगे, जिनमें संघ शिक्षा वर्ग (एसएसवी), कार्यकर्ता विकास वर्ग (केवीवी) 1 और केवीवी 2 शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 72 ऐसे वर्ग 40 वर्ष से कम आयु वालों के लिए संचालित किए जाएंगे, जबकि 23 वर्ग 40 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों के लिए होंगे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा पूजनीय सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा राष्ट्रव्यापी प्रवास की योजनाओं को भी अंतिम रूप देगी। सुनील आंबेकर ने यहां बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 4 वर्षों के अंतराल के बाद बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है। 3 दिवसीय बैठक में 32 संघ प्रेरित संगठनों और समूहों के संगठन मंत्री (संगठन सचिव) या सह संगठन मंत्री (संयुक्त आयोजन सचिव) भाग लेंगे। एबीपीएस में भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष, राष्ट्र सेविका समिति प्रमुख संचालिका वंदनीया शांतक्का, बीजेपी के जेपी नड्डा, एबीवीपी के राज शरण, वीएचपी के अध्यक्ष आलोक कुमार, वनवासी कल्याण आश्रम के सत्येन्द्र सिंह, विद्या भारती और कई अन्य संगठन रहेंगे.
उन्होंने बताया कि रविवार 23 मार्च को सुबह 11.30 बजे सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे और उसके बाद मीडिया से बातचीत करेंगे। पिछले कुछ वर्षों में संघ के काम पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ के कार्यकर्ता देश भर में राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लाखों युवा आरएसएस और इसकी गतिविधियों से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं।