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ShivJun 6, 20254 min read

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

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संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

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ShivJun 6, 20253 min read

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खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

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ShivJun 6, 20253 min read

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June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

शराब घोटाला : पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को नहीं मिली राहत, जमानत याचिका पर हुई सुनवाई, हाईकोर्ट ने ACB-EOW से मांगा जवाब

बिलासपुर।   शराब घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में बंद हैं। अग्रिम जमानत के लिए हाइकोर्ट में दायर याचिका पर आज जस्टिस अरविंद वर्मा की बैंच में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा, जिस पर कोर्ट ने ACB-EOW को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं अगली सुनवाई की तारीख 13 मार्च 2025 तय की है।

बता दें कि कवासी लखमा की अग्रिम जमानत की याचिका ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट में पहले ही खारिज की जा चुकी है। पूर्व मंत्री लखमा की ओर से वकील ने उन्हें निर्दोष बताते हुए झूठे मामले में फंसाने और परेशान करने का आरोप लगाया था। साथ ही ईडी को छापेमारी के दौरान उनके घर से पैसा और आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिलने की जानकारी दी थी, वहीं ईओडब्ल्यू की ओर से इस मामले में कवासी लखमा पर शराब घोटाले में हर महीने 50 लाख रुपए कमीशन सहित करीब दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की थी।

कथित शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 21 जनवरी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस दौरान ED के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है। कोर्ट में ED के वकील ने लखमा पर आरोप लगाया कि उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरूरी है।

लखमा को माना जा रहा सिंडिकेट का अहम हिस्सा

ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं ED ने यह भी कहा है कि शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। यही नहीं ED ने यह भी बताया कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकना जरूरी नहीं समझा। इसके चलते उन्हें आरोपी के तौर पर देखा गया है। फिलहाल अपनी अग्रिम जमानत याचिका के लिए लखमा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी.