Special Story

सुशासन तिहार का असर: आवेदनों पर कार्रवाई शुरू, परिवहन विभाग ने विकास मिश्रा को जारी किया लर्निंग लाइसेंस

सुशासन तिहार का असर: आवेदनों पर कार्रवाई शुरू, परिवहन विभाग ने विकास मिश्रा को जारी किया लर्निंग लाइसेंस

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार सभी जिलों में…

April 18, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

2 मार्च को होगी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा, 26 जिलों में बनाए गए हैं 151 सेंटर, 42 हजार विद्यार्थी होंगे शामिल

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में शिक्षण सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए प्राक्चयन परीक्षा 2 मार्च को आयोजित होगी. यह परीक्षा 26 जिलों में स्थित 151 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें लगभग 42,000 छात्रों ने पंजीयन कराया है. परीक्षा का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगा. इस संबंध में आयुक्त पदुम सिंह एल्मा ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

प्रवेश परीक्षा की व्यवस्था को लेकर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं. परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट सावधानीपूर्वक भरवाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही परीक्षा केन्द्रों पर शुद्ध पेयजल, चिकित्सा और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.

वर्तमान में प्रदेश में 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 10 कन्या, 6 बालक एवं 59 संयुक्त विद्यालय शामिल हैं. इन विद्यालयों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक प्रति कक्षा 60 सीटों के अनुसार 420 छात्रों को प्रवेश देने का प्रावधान है. शिक्षण सत्र 2024-25 में इन विद्यालयों में 25,860 सीटें स्वीकृत थीं, जिनमें 25,074 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं.

प्रदेश के एकलव्य विद्यालयों के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त कर रहे हैं. वर्ष 2023-24 में 3 विद्यार्थियों ने जेईई और 5 विद्यार्थियों ने नीट परीक्षा क्वालिफाई किया है. एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति, नई दिल्ली द्वारा प्रवर्तित हैं. ये विद्यालय शत-प्रतिशत सहायता प्राप्त हैं और इनमें अनुसूचित जनजाति के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को आवासीय शिक्षा के माध्यम से शैक्षणिक, मानसिक, बौद्धिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए श्रेष्ठ सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.