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छत्तीसगढ़ में हस्तशिल्प विकास की अपार संभावना – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ में हस्तशिल्प विकास की अपार संभावना – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivJun 3, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित…

कृषि मंत्री रामविचार नेताम विकसित कृषि संकल्प अभियान में हुए शामिल

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ShivJun 3, 20252 min read

रायपुर।   कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम बेमेतरा…

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने चावल उत्सव का किया शुभारंभ, कहा- कोई भी नागरिक भूखा न सोए, यह सरकार का संकल्प

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने चावल उत्सव का किया शुभारंभ, कहा- कोई भी नागरिक भूखा न सोए, यह सरकार का संकल्प

ShivJun 3, 20251 min read

रायपुर।  खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल…

June 3, 2025

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पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को लगा झटका, हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

बिलासपुर। पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है. टुटेजा पर शराब नीति घोटाले, अवैध कमीशन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगा है. ईडी ने 2024 में पीएमएलए मामले में पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया था.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2,100 करोड़ रुपए से अधिक के शराब घोटाले में अनिल टुटेजा को शराब सिंडिकेट का सरगना करार दिया है. एजेंसी ने अदालत में दिए अपने बयान में दावा किया कि छत्तीसगढ़ में सक्रिय शराब सिंडिकेट चलाने के लिए राज्य प्रशासन के प्रबंधन में उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी के साक्ष्य एकत्र किए गए हैं, और उन्हें मामले में सह-आरोपी अनवर ढेबर के साथ सक्रिय रूप से शामिल पाया गया है.

एजेंसी ने दावा किया था कि टुटेजा आधिकारिक तौर पर आबकारी विभाग का हिस्सा नहीं थे, फिर भी वह इस विभाग के संचालन में सक्रिय रूप से शामिल थे. जांच के दौरान टुटेजा द्वारा 14.41 करोड़ रुपये की प्राप्ति से संबंधित डिजिटल साक्ष्य भी पाए गए हैं. एजेंसी ने कहा कि मामले में सह-अभियुक्त अरुणपति त्रिपाठी की छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्ति में भी उनकी भूमिका कथित तौर पर पाई गई है.

ईडी ने दावा किया कि टुटेजा की कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को ‘‘भारी नुकसान” हुआ. टुटेजा पिछले साल सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्हें आखिरी बार छत्तीसगढ़ के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था.