Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पंचायत की राशि का खेला: पूर्व सरपंच और सचिव पर फर्जी बिलों से राशि आहरण करने का आरोप, ग्रामीण ने कलेक्टर से की शिकायत

बालोद। बालोद जिले के ग्राम पंचायत (बी.) जामगांव के तत्कालीन सरपंच और सचिव पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए एक ग्रामीण ने कलेक्टर से लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है. शिकायतकर्ता दयाराम देवांगन ने आरटीआई से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि पंचायत को 15वें वित्त आयोग से 32 लाख रुपये प्राप्त हुए थे, लेकिन पंचायत द्वारा 62 लाख रुपये व्यय किए जाने की जानकारी दी गई, जो समझ से परे है.

इसी तरह आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों में ग्राम पंचायत (बी.) जामगांव की तत्कालीन सरपंच पुष्पा देवांगन और सचिव की सील व हस्ताक्षर से ग्राम पंचायत करहीभदर के नाम से सामग्री खरीदने का बिल लगाकर राशि आहरित की गई है. ग्रामीण ने दोनों ही मामलों को लेकर कलेक्टर से शिकायत कर जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

अपर कलेक्टर ने दी प्रतिक्रिया

इस मामले में बालोद के अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने कहा कि यह एक गंभीर शिकायत है. उन्होंने बताया कि जनपद से जांच प्रतिवेदन प्राप्त करने के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी अन्य पंचायत की खरीदी का भुगतान किसी अन्य पंचायत से किया गया है, तो यह जांच का विषय है और बिना विस्तृत जांच के कुछ भी कहना उचित नहीं होगा.