खाद की मुनाफाखोरी पर प्रशासन सख्त: नियम का पालन नहीं करने वाली 6 दुकानों में रासायनिक खाद की बिक्री पर लगाया रोक, 3 दिन के भीतर मांगा जवाब
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गरियाबंद। जिले में खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर कृषि विभाग ने छापामार कार्रवाई शुरू की है। पहले ही दिन फिंगेश्वर के 9 लाइसेंसी खाद विक्रेताओं की दुकानों पर उर्वरक निरीक्षण टीम ने दबिश दी, जिसमें 6 दुकानों में नियमों को ताक पर रखकर कारोबार करने की पुष्टि हुई। इसे लेकर कृषि विभाग ने संबंधित दुकानदारों से 3 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
15 टन यूरिया और 8 टन डीएपी की बिक्री पर रोक
सहायक उप संचालक रमेश निषाद के नेतृत्व में हुई जांच के दौरान पाया गया कि साहू खाद भंडार (कौंदकेरा), गायत्री कृषि केंद्र, नीरज कृषि केंद्र (बोरसी), गुरुकृपा कृषि केंद्र (बासिन), मुकेश कृषि केंद्र (पोखरा) और महादेव कृषि केंद्र (बकली) द्वारा उर्वरक भंडारण और विक्रय अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा था। इन दुकानों पर स्टॉक मेंटेन नहीं किया गया था और किसानों को विक्रय बिल नहीं दिया जा रहा था, जो कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत नियमों का उल्लंघन है।
कार्रवाई के तहत इन दुकानों में रखे 15 टन यूरिया और 8 टन डीएपी की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। उप संचालक कृषि चंदन राय ने बताया कि इन विक्रेताओं से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। वहीं, कृषि विभाग ने किसानों से अधिकृत दुकानों से ही खाद खरीदने और भुगतान के बाद बिल लेने की अपील की है।