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सेंट्रल जेल की 22 फीट ऊंची दीवार कूदकर फरार हुआ कैदी, सरकंडा से देर रात फिर दबोचा गया

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ShivJun 9, 20251 min read

बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर के सेंट्रल जेल में सुरक्षा व्यवस्था की…

गृहमंत्री विजय शर्मा ने ASP सुकमा आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत पर किया नमन

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ShivJun 9, 20251 min read

सुकमा। गृहमंत्री विजय शर्मा ने ASP सुकमा आकाश राव गिरिपुंजे…

मंत्री ओपी चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को 11 सालों की शानदार उपलब्धि पर दी बधाई

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ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने पीएम मोदी 11 सालों की…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ASP सुकमा आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत पर किया नमन

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ShivJun 9, 20251 min read

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जबलपुर-रायपुर रुट में दौड़ेगी नई इंटरसिटी एक्सप्रेस

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ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। जबलपुर स्थित मदन महल स्टेशन से छत्तीसगढ़ की राजधानी…

June 9, 2025

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CGMSC घोटाला : करोड़ों के घोटाले में इन आईएएस अफसरों की बढ़ी मुश्किलें, ACB-EOW ने पूछताछ के लिए किया तलब

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में करोड़ों रुपये के घोटाले में अब तीन आईएएस अधिकारी भी लपेटे में आ गए हैं. ACB-EOW ने इन तीनों अफसरों को समन जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है. इसके अलावा मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले हैं.

सीजीएमएससी का चार्ज देते समय की तस्वीर

जानकारी के मुताबिक, ACB-EOW ने आईएएस अफसर भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई को पूछताछ के लिए तलब किया है.

बता दें कि ACB-EOW ने CGMSC घोटाले में हफ्ते भर पहले मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर रिमांड में लिया था. वहीं आज आरोपी की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद उसे फिर से ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस रिमांड पर EOW को सौंप दिया है. अब आरोपी शशांक चोपड़ा को 10 फरवरी को वापस कोर्ट में पेश किया जाएगा. जांच एजेंसी ने दवा खरीदी घोटाले में प्रदेश के बड़े सप्लायर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ के बाद कई नए तथ्य सामने आई हैं. दवा खरीदी का यह घोटाला अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है. यह घोटाला 400 करोड़ से अधिक का है.

दो साल के ऑडिट में खुली थी पोल

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था. ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया. जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया. प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी. ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था.

स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के खिलाफ भी दर्ज है मामला

ईओडब्ल्यू ने अपनी एफआईआर में स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया है. एफआईआर में स्वास्थ्य संचालक और सीजीएमएससी की एमडी पर गंभीर टिप्पणी की गई है. इस एफआईआर के बाद यह माना जा रहा है कि जांच की जद में कई आला अफसर आ सकते हैं. चर्चा है कि इस घोटाले में शामिल रहे लोगों की जल्द गिरफ्तारियां होंगी. ईओडब्ल्यू की शुरुआती जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि अफसरों की मिलीभगत से सरकार को अरबों रुपए की चपत लगाई गई.