डोंगरगढ़ तीर्थ क्षेत्र में मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की उठी मांग, मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
डोंगरगढ़। सकल जैन समाज ने डोंगरगढ़ तीर्थ क्षेत्र में मांस विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. समाज का कहना है कि डोंगरगढ़ धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां मां बम्लेश्वरी मंदिर, प्रज्ञागिरि तीर्थ और चंद्रगिरि तीर्थ स्थित हैं. इस तीर्थ क्षेत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए मांस विक्रय को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि डोंगरगढ़ में पहले से ही आंशिक मद्य निषेध लागू है, जिसके तहत शहर में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है. इसी तर्ज पर जैन समाज चाहता है कि मांस की दुकानों को शहर से बाहर एक ही स्थान पर शिफ्ट किया जाए या फिर तीर्थ क्षेत्र में इसे पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए.
मुख्यमंत्री आज ही विद्यासागर महाराज जी की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित महोत्सव में डोंगरगढ़ पहुंचे थे, जहां जैन समाज के प्रतिनिधियों ने उनसे यह मांग रखी. मुख्यमंत्री ने समाज को आश्वासन दिया कि जल्द ही डोंगरगढ़ तीर्थ क्षेत्र में मांस विक्रय पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
जैन समाज की इस मांग को लेकर शहर में चर्चा तेज हो गई है. कई धार्मिक संगठनों ने भी इसका समर्थन किया है, जबकि कुछ व्यापारी इस निर्णय को लेकर असमंजस में हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो शहर में मांस बिक्री के लिए स्थान तय है, लेकिन कई लोग सड़क पर या अन्य चौक-चौराहों पर मांस की बिक्री कर रहे हैं, जिससे शहर की धार्मिक छवि खराब हो रही है. अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या ठोस कदम उठाती है.