‘CG में हजारों आदिवासी परिवार उजड़ेंगे’: पूर्व CM भूपेश का BJP पर हमला, कहा-
रायपुर- हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल ब्लॉक में न खोले जाने और पेड़ों की चल रही कटाई को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि नई सरकार बनने के बाद अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हो रही है. नए खदान खोले जा रहे हैं. इस मामले में विपक्ष के द्वारा स्थगन लाया गया, लेकिन सरकार बिल्कुल सुन नहीं रही है. लगातार जंगल काटे जा रहे हैं, लोग चिंतित हैं अपने भविष्य को लेकर. इसमें हजारों आदिवासी परिवार उजड़ेंगे.
आगे भूपेश बघेल ने कहा, विपक्ष के द्वारा हसदेव कटाई को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया गया था. हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल ब्लॉक में न खोले जाए इसके लिए अशासकीय संकल्प लाया गया था. सर्वसम्मति से विधानसभा में पारित किया गया था. उसके अनुरूप भारत सरकार को खत लिखा था. नई सरकार बनने के बाद अंधाधुंध पेड़ की कटाई हो रही है. लाखों पेड़ कटेंगे और सबसे बड़ी बात बांगो बांध बंद पड़ेगा. जिससे चापा जांजगीर, सक्ति रायगढ़ ,बिलासपुर ,कोरबा जिला की सिंचाई प्रभावित होगा. आने वाले समय में इसका बहुत बड़ा खामियाजा छत्तीसगढ़ के लोगों को उठाना पड़ेगा. हमारी बात नहीं सुनी गई हम गर्भगृह गए और स्वयं निलंबित भी हुए.
वहीं राहुल गांधी के न्याय यात्रा छत्तीसगढ़ आने को लेकर भूपेश बघेल ने कहा, यात्रा का इंतजार कर रहे हैं निश्चित इसका असर पड़ेगा. रायगढ़ में ओडिशा से प्रवेश करेंगे. रायगढ़ आने के बाद फिर 11 तारीख से लगातार यात्रा शुरू होगी जो सक्ति ,कोरबा, सरगुजा ,बलरामपुर आगे प्रस्थान करेंगे.
हेलीकॉप्टर पर पिछली सरकार की खर्च को लेकर भी भूपेश बघेल का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, इसके पहले भी जो सरकार थी टेंडर प्रक्रिया के जरिए वह विमान और हेलीकॉप्टर किराया से लेती हैं. आपने देखा होगा कि राज्य सरकार का जो हेलीकॉप्टर है वह पिछली सरकार ने सेकेंड हैंड लिया था और वह क्रैश हो गया. उसके बाद निजी हेलीकॉप्टर ही लेना पड़ा. विमान भी पुराना हो गया, रिपेयरिंग में करवाई गई. उसमें किराया जो लिया गया है, वह विधि सम्मत है. टेंडर किया गया है उसमें कोई गड़बड़ी हो तो बताएं.
कथित PDS घोटाले को लेकर भूपेश बघेल ने कहा, इन लोगों को मीडिया हाइप चाहिए. हम लोगों ने जहां कमी पाई उतने दुकानों को चिन्हित किया. नोटिस दिया गया और फिर भी रिकवरी नहीं हुई तो सारी कार्रवाई पिछली सरकार के द्वारा की गई. केंद्र सरकार के अधिकारी जांच करने आए थे. जांच में वह संतुष्ट हुए थे, यदि असंतुष्ट होते तो करवाई उस समय कर लेते. इसमें कार्रवाई कुछ नहीं हुई.