नेशनल होम्योपैथी सेमिनार में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
रायपुर। सैकड़ो किताबें पढ़ने से जो ज्ञान नहीं मिल पाता वो विशेषज्ञों के वक्तव्य से मिल जाता है। जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी चिकित्सा के क्षेत्र को समर्पित कर दिया, रोगों को समझने में अपना बहुमूल्य समय दिया और रोगियों के उपचार में जिनका जीवन व्यतीत हुआ, सेमिनार के जरिए उनका अनुभव सुनने को मिलता है। लोगों के बीच भ्रांति है कि होम्योपैथी जल्दी असर नहीं करती, लेकिन ऐसा नहीं है। होम्योपैथी लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर रोगों को ठीक करने में सक्षम है। होम्योपैथी में बिना साइड इफेक्ट के सस्ते में अच्छा इलाज उपलब्ध है। बस हमें इसे प्रचारित करने की आवश्यकता है। उक्त बाते मेडिकल स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने राजधानी रायपुर के सिंधु पैलेस में होम्योपैथी रिसर्च एवं डेवलपमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित नेशनल होम्योपैथी सेमिनार में कही। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती और भगवान राम का ननिहाल है। यहां की संस्कृति और परंपरा की अलग पहचान है और सांस्कृतिक, पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति का उल्लेख मिलता है। श्री साव ने कहा कि देश के अच्छे रिसर्च एवं मेडिकल संस्थान का अध्ययन करके हम छत्तीसगढ़ में भी होम्योपैथी का एक अच्छा मेडिकल कॉलेज और रिसर्च सेंटर छत्तीसगढ़ में स्थापित करने का मजबूत प्रयास करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास और विस्तार हमारा उद्देश्य है। होम्योपैथी चिकित्सा के बारे में लोगों के मन में एक धारणा बनी हुई है, लोग जान एलोपैथी के इलाज से थक जाते हैं तब वह होम्योपैथी की ओर आते हैं। होम्योपैथी, नैचुरोपैथी, एलोपैथी सभी के बीच होम्योपैथी का अपना महत्व है। हमें होम्योपैथी का तात्कालिक और लम्बे समय तक लाभ मिल सकता है। इस अवसर पर पवन साय, डॉ सुनील कुमार दास, डॉ विजय शंकर मिश्रा, डॉ संजय शुक्ला, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रदीप के. पात्रा, डॉ. जेपी शर्मा, डॉ. सुशील हरीरमानी, डॉ. धीरेंद्र तिवारी सहित एशोसिएसन के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।