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भगवती साहित्य संस्थान के नवीन कार्यालय का हुआ उद्घाटन

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ShivMar 31, 20252 min read

रायपुर। वर्ष प्रतिपदा के पावन दिन भगवती साहित्य संस्थान के…

रायपुर में अहिल्या देवी होल्कर त्रिशताब्दी जयंती समारोह  सफलता पूर्वक संपन्न

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ShivMar 31, 20253 min read

रायपुर।  लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर त्रिशताब्दी जयंती समारोह आयोजन समिति छत्तीसगढ़…

डिप्टी सीएम अरुण साव द्वारा चलाया गया स्वच्छता अभियान, सफाई कर्मियों के साथ किया श्रमदान

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ShivMar 31, 20251 min read

बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल जनसभा के बाद उपमुख्यमंत्री…

ड्राइवर की लापरवाही से पलटी तेज रफ्तार बस, 6 से ज्यादा यात्री घायल

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ShivMar 31, 20251 min read

जशपुर।  बगीचा के ग्राम महनई के समीप साेमवार की शाम…

बस्तर पंडुम 2025 के उ‌द्घाटन दिवस में होगा कार्यक्रम: उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा होंगे शामिल

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ShivMar 31, 20252 min read

रायपुर।   बस्तर क्षेत्र की कला, संस्कृति और परंपराओं के उत्सव…

March 31, 2025

Apni Sarkaar

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ट्रांसफर आर्डर को नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी: 7 दिन के भीतर जॉइनिंग नहीं देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने ट्रांसफर आर्डर का पालन नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों को लेकर सख्त निर्देश जारी किये है। GAD ने इस संबंध में सभी विभाग प्रमुखों को अलग-अलग 7 बिंदुओं में दिशा निर्देश जारी किये है। इसके अलावा आदेश का पालन नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ ब्रेक-इन-सर्विस” की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने 7 बिंदुओं में जारी किये कड़े निर्देश –

(1) स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक को स्थानातरण आदेश जारी होने के 10 दिवस के भीतर कार्यमुक्त किया जाए। यदि संबंधित शासकीय सेवक निर्धारित समयावधि में कार्यमुक्त नहीं होता है तो उसे सक्ष्म अधिकारी द्वारा एकक्षीय भारमुक्त करने के आदेश दिए जाए तथा स्थानांतरण आदेश क्रियान्वित हुआ माना जाए। यदि शासकीय सेवक द्वारा स्थानातरण आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।

(2) शासकीय सेवकों द्वारा 07 दिवस के भीतर स्थानांतरण आदेश का पालन न किए जाने की स्थिति में संबंधित शासकीय सेवक के विरुद्ध निलम्बन की कार्यवाही की जाए और अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित व्यक्ति के विरूद्ध ब्रेक-इन-सर्विस” की कार्यवाही की जाए।

(3) स्थानांतरित शासकीय सेवक यदि 07 दिनो से अधिक अवधि के लिए लघुकृत अवकाश लेता है तो उसे मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा जाए। यदि मेडिकल बोर्ड द्वारा अनुशंसा नहीं की जाती है अथवा शासकीय सेवक अन्य अवकाश के लिए आवेदन करता है या अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहता है तो ऐसी अवधि को अनाधिकृत अनुपस्थिति मानकर इसे “डाईज नॉन” किया जाए।

(4) स्थानांतरित किए गए शासकीय सेवक का अवकाश नई पदस्थापना बाले कार्यालय से ही स्वीकृत किया जाएगा।

(5) यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने के प्रस्ताव है, तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जी गैर-अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यतः रखा जाए। शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों का जो असंतुलन (इमबैलेंस) है, उसे सतुलित (बेलेस) करने का विशेष ध्यान रखा जाए।

(6) अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को उसके कार्यालय प्रमुख या नियंत्रण अधिकारी द्वारा तब तक कार्यमुक्त न किया जाए, जब तक कि उसका एवजीदार कार्य पर उपस्थित न हो जाए, तथापि अत्यावश्यक परिस्थितियों में यदि संबंधित कार्यालय में दो तिहाई पद यदि भरे हो तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थानांतरित शासकीय सेवक को कार्यमुक्त करने पर विचार किया जा सकता है।

(7) यदि एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिये निवास स्थान में परिवर्तन के बिना स्थानांतरण हुआ है. तो शासकीय सेवक के कार्यमुक्त पश्चात् एक दिन से अधिक पदग्रहणकाल की पात्रता नहीं होगी। स्थान से तात्पर्य नगरपालिका वा नगर निगम की सीमा से आने वाले क्षेत्र से है, जिसमें उपनगरीय नगरपालिकायें, अधिसूचित क्षेत्र, केन्टोनमेन्ट और उसी नगर पालिका के आस-पास का क्षेत्र सम्मिलित है। स्थानांतरण के फलस्वरूप मुख्यालय परिवर्तन होने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए संबंधित विभाग/कार्यालय दूरी के आधार पर पदग्रहण काल की सीमा निर्धारित करने के लिए सक्षम है तथापि यह सीमा किसी भी स्थिति में एक सप्ताह से अधिक नहीं होना चाहिए।

राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों को जारी किया पत्र

राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को एक पत्र जारी कर नायब तहसीलदार और तहसीलदारों को तत्काल भारमुक्त करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही 10 दिनों के भीतर जॉइनिंग करने के निर्देश दिए है.

पत्र में कहा गया है कि 13 सितंबर 2024 को तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों का स्थानांतरण कर विभिन्न जिलों में पदस्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर तहसीलदार/नायब तहसीलदारों को पूर्व में भी स्थानांतरित किया गया है। शासन के संज्ञान में आया है कि कुछ अधिकारियों ने अपने नवीन पदस्थापना स्थान में कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इसके अलावा कुछ तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने उक्त स्थानांतरण के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसका न्यायालय के निर्णय के परिपालन में अधिकारियों द्वारा विभाग में अभ्यावेदन प्रस्तुत किये गए थे। प्राप्त अभ्यावेदनों में विभाग द्वारा माननीय न्यायालय के निर्णय का पालन कर विभागीय पत्र 25 नवंबर 2024 को निराकरण किया गया है।

गौरतलब है कि स्थानांतरित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को जिले से भारमुक्त करने और नवीन पदस्थापना स्थान में कार्यभार ग्रहण करने के साथ सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 25.11.2024 के निर्देश का पालन किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के उप सचिव अन्वेष घृतलहरे ने इसका निर्देश जारी किया है।

देखें पत्र –