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ग्रामीण इलाके में पहुंचा 35 हाथियों का दल, कड़कड़ाती ठंड में रात भर जागने पर लोग मजबूर

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ShivNov 24, 20241 min read

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में 35 हाथियों का दल फिर से…

ई-चालान से बचने के लिए वाहन की नंबर प्लेट से छेड़छाड़, पुलिस ने दो आरोपियों को भेजा जेल

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ShivNov 24, 20242 min read

रायपुर।  यातायात नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई से बचने के…

लक्ष्मी राजवाड़े की गाड़ी को ट्रक ने मारी टक्कर, बाल-बाल बचीं मंत्री…

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ShivNov 24, 20241 min read

बलरामपुर। महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सड़क दुर्घटना में बाल-बाल…

पेड़ों को गिराकर बिछाया जा रहा था बीएसएनएल का केबल, वन अमले ने जब्त किए तीन जेसीबी…

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ShivNov 24, 20241 min read

बीजापुर। जंगल के विशालकाय पेड़ों को गिराकर संचार कंपनी बीएसएनएल…

अनुसूचित जनजाति समाज हमारी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का संवाहक -मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivNov 24, 20243 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के पंडित…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुलिस जवानों के साथ सुनी मन की बात

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ShivNov 24, 20241 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज पुलिस मैस…

November 24, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सुरक्षा बलों के जवानों ने नक्सल ऑपरेशन की सफलताओं और चुनौतियों को मुख्यमंत्री से किया साझा

रायपुर।   आज जब युवा साथी मुझसे कहते हैं कि हम भी आपके जैसे बनना चाहते हैं, तब मैं गर्व और हौसले से भर जाती हूं। मैं चाहती हूं कि बस्तर के अधिक अधिक से अधिक युवा सुरक्षा बलों में भर्ती होकर देश की सुरक्षा में अपना योगदान दें। मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि मैं इस सुरक्षा बल का हिस्सा हूं और नक्सल अभियानों में मेरी भूमिका रही है। सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन की जांबाज महिला कांस्टेबल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से उनके बस्तर के सेडवा कैंप प्रवास के दौरान ये बातें साझा की।

मुख्यमंत्री श्री साय बस्तरिया बटालियन की महिला कांस्टेबल के आत्मविश्वास से भरे शब्दों को सुनकर गर्व से भर गए और शाबाशी देते हुए कहा कि जवानों के हौसलों से ही हमें ताकत मिलती है। उन्होंने कहा कि नक्सल ऑपरेशन में बस्तर की बहुत सारी बेटियां चुनौतियों के बीच सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। बस्तर में नक्सलवादियों से मुकाबला करती हमारी बेटियों के पराक्रम का कोई सानी नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री साय को बताया गया कि सीआरपीएफ के चुनिंदा जवानों को कोबरा बटालियन में काम करने का मौका दिया जाता है। इन जवानों को नक्सल ऑपरेशन और जंगलवार में महारत हासिल है। जवानों ने टेकलगुड़ेम में कैम्प स्थापना के दौरान हुई घटना का जिक्र करते हुए बताया कि नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हमारे कई साथी घायल हुए लेकिन हमारी टीम ने डटकर मुकाबला किया और कैम्प स्थापित करने में सफल हुए, जिसके कारण नक्सलियों को गांव छोडकर भागना पड़ा।

जवानों ने अबूझमाड़ की चुनौतियों के बारे में मुख्यमंत्री को बताया। उन्होंने कहा कि दुर्गम इलाकों में कई तरह की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद सभी जवानों का मनोबल ऊंचा है। हमारी तैनाती संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में होती है और हम हर तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हमारी कोशिश है कि हमारा राज्य नक्सलमुक्त हो। हम सब जवान टीम वर्क के साथ अभियानों को अंजाम देते हैं। नक्सल ऑपरेशन के दौरान जब जवान घायल होते हैं तब उनके लाइफ सपोर्ट के लिए भी टीम हमेशा मुस्तैद रहती है। ग्राउंड जीरो से हायर मेडिकल फेसिलिटिज तक जवानों को ले जाने के लिए एयर लिफ्ट करने का काम भी तत्काल किया जाता है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बस्तर प्रवास के दौरान अचानक ही सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन में जवानों से मिलने बस्तर जिले के सेडवा कैंप पहुंचे थे। यहां उन्होंने जवानों से खुलकर आत्मीयतापूर्वक बात की और जवानों ने भी मुख्यमंत्री से आत्मीय संवाद करते हुए माओवादी आतंक के उन्मूलन के प्रयास में अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जवानों की तारीफ करते हुए कहा कि नक्सलियों के विरुद्ध हमने जो सफलता हासिल की है, उसमें पुलिस और सुरक्षा बलों की अनेक टीमों और बटालियनों की साझी भागीदारी है। इसके साथ-साथ स्थानीय शासन के विभिन्न विभागों ने भी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवादी मानवता के दुश्मन हैं। बारूदी सुरंगें बिछाते हुए वे जरा भी नहीं सोचते कि इनसे आम लोगों की जानें भी जा सकती हैं। कई बार छोटे-छोटे बच्चे भी इन बारूदी सुरंगों की चपेट में आ जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों का काम सचमुच बहुत चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हर चुनौती को चूर-चूर करना आप लोगों को आता है। आज हमारे जवान अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र में भी नक्सलवाद का सफाया करते हुए सफलता के झंडे लहरा रहे हैं। नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों ने देश के सामने संगठन और समन्वय का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है।