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छत्तीसगढ़ में सरकारी भर्ती के लिए फर्जी दस्तावेजों का किया इस्तेमाल, पुलिस ने उत्तर प्रदेश के 2 युवकों को किया गिरफ्तार

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जहां उत्तर प्रदेश के दो अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का प्रयास किया। जगदलपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई में दोनों आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाएगी, और फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला?

12 नवंबर को जगदलपुर के बोधघाट थाने में शिकायत दर्ज की गई थी कि बहादुरपुरा क्षेत्र में कुछ लोग जाली दस्तावेज बनाकर छत्तीसगढ़ का स्थानीय प्रमाण पत्र तैयार कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और 25 संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित किया। इनमें से पांच लोगों ने पुलिस भर्ती में आवेदन किया था। पुलिस ने छापेमारी के दौरान अनुज यादव और अजय यादव (दोनों 21 वर्ष, उत्तर प्रदेश निवासी) को गिरफ्तार किया और उनके पास से जाली आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र और शैक्षणिक दस्तावेज बरामद किए।

कैसे चल रहा था फर्जीवाड़ा?

जांच में पता चला कि आरोपी अलग-अलग नामों का उपयोग कर जाली आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, और पांचवीं व आठवीं की मार्कशीट जैसे दस्तावेज बनाते थे। इन जाली दस्तावेजों के आधार पर वे छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का प्रयास कर रहे थे। अब तक उनके तीन-चार आवेदन प्रक्रिया में पास हो चुके हैं, जिनकी सूचना संबंधित विभाग को दे दी गई है।

जगदलपुर सीएसपी आकाश श्रीश्रीमाल ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अन्य संदिग्ध आवेदनों की भी बारीकी से जांच की जा रही है ताकि फर्जीवाड़े को तुरंत रोका जा सके। इसके अलावा, कुछ और लोगों के इस नेटवर्क में शामिल होने की संभावना है, जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस की एक टीम जल्द ही इस नेटवर्क में शामिल अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ लाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी और इस तरह की कार्रवाई को हम लगातार जारी रखेंगे।