Special Story

दलदलसिवनी में आबकारी विभाग का छापा, मध्यप्रदेश ब्रांड की शराब जब्त

दलदलसिवनी में आबकारी विभाग का छापा, मध्यप्रदेश ब्रांड की शराब जब्त

ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर। आबकारी आयुक्त सह प्रबंध संचालक (CSMCL) श्याम धावडे, कलेक्टर…

रायपुर में स्कूली बसों की जांच, 418 बसों में से 116 में मिली खामियां

रायपुर में स्कूली बसों की जांच, 418 बसों में से 116 में मिली खामियां

ShivJun 16, 20252 min read

रायपुर। शहर में छात्रों की सुरक्षा और स्कूल वाहनों की…

SP ने शराब पीकर हंगामा करने वाले पुलिसकर्मी को किया सस्पेंड

SP ने शराब पीकर हंगामा करने वाले पुलिसकर्मी को किया सस्पेंड

ShivJun 16, 20251 min read

मुंगेली। छत्तीसगढ़ के शांत माने जाने वाले मुंगेली जिले से…

June 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

शराब घोटाला मामले में एसीबी और EOW की बड़ी कार्रवाई, अकाउंटेंट सुनील दत्त गिरफ्तार

रायपुर।      छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए से अधिक के शराब घोटाले के सिलसिले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है. ईओडब्ल्यू ने प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी प्रा. लि. के एकाउंटेंट सुनील दत्त को गिरफ्तार किया. आरोपी को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 28 अक्टूबर तक कस्टोडियल रिमांड पर भेज दिया गया है.

जांच में सामने आया है कि सुनील दत्त ने 2019 से 2022 के बीच नोएडा स्थित कंपनी के मुख्यालय पर नकली होलोग्राम का लेखा-जोखा रखा और असली होलोग्राम के साथ गलत तरीके से डुप्लीकेट होलोग्राम रायपुर भेजे.

पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी

एसीबी और ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि जब्त परिवहन के बिलों पर सुनील दत्त के हस्ताक्षर थे, जिसमें डुप्लीकेट होलोग्राम की संख्या और अन्य विवरण शामिल थे. पूछताछ के दौरान उनका नाम सामने आया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.

मुख्य आरोपी जेल में

शराब घोटाले से जुड़े मुख्य आरोपी, जिसमें रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पूर्व MD अरूणपति त्रिपाठी शामिल हैं, पहले से ही जेल में बंद हैं.

जानिए क्या है नकली होलोग्राम मामला

एफआईआर के अनुसार, नोएडा स्थित प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी फर्म को छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट द्वारा अवैध रूप से होलोग्राम की आपूर्ति के लिए टेंडर दिया गया था, जबकि कंपनी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए योग्य नहीं थी. आरोप है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों ने शर्तों में संशोधन कर कंपनी के मालिक से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया. इसके परिणामस्वरूप, छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देसी शराब की बोतलें बेचने के लिए बेहिसाब डुप्लीकेट होलोग्राम लिए गए.