घर-परिवार से दूर तूता धरना स्थल पर डीएड अभ्यर्थियों ने किया रावण दहन, नियुक्ति की उठाई मांग
रायपुर। दशहरा महापर्व के अवसर पर जब पूरे छत्तीसगढ़ में लोग अपने परिवारों के साथ विजयदशमी मना रहे थे, तब दूसरी ओर डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) अभ्यर्थियों ने तूता नवा रायपुर में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हजारों युवाओं ने रावण का पुतला दहन किया. चौंकाने की बात यह है कि सर्वोच्च न्यायालय से जीतने के बाद हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के लिए डीएड अभ्यर्थियों अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठना पड़ा है. डीएड अभ्यर्थियों की सिर्फ एक ही मांग है सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पालन कर सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति दिया जाए.
डीएड अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशानुसार जल्द सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति देने की मांगों को लेकर 2 अक्टूबर 2024 से तूता धरनास्थल पर हजारों कि संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. ज्ञात हो की डीएड की नियुक्ति का आदेश हाई कोर्ट ने 7 माह पहले दिया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश आए 1 माह से अधिक हो गया सरकार और विभाग ने अभी तक आदेश का पालन नहीं किया है. डीएड वालों को नियुक्ति नहीं दिया है. संविधान और न्यायपालिका के आदेश का अब तक पालन नहीं होने से डिप्लोमा अभ्यर्थी आहत है.
तूता धरना स्थल पर डीएड अभ्यर्थियों का प्रदर्शन 2 अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ है जो अनिश्चितकालीन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने तक जारी रखने का प्रण डीएड वालों ने किया है. वहीं धरना स्थल पर अचानक एक महिला अभ्यर्थी की तबियत बिगड़ गई, धरना स्थल में किसी प्रकार की कोई भी सुविधा नहीं है. चाहे वो मेडिकल संबंधी हो चाहे वो दैनिक क्रिया की सुविधा तक भी नहीं है. अभी फिलहाल महिला हॉस्पिटल में भर्ती है।
सुप्रीम कोर्ट से जीतने के बाद भी सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति न मिलने से छत्तीसगढ़ सरकार ने डी.एड अभ्यर्थियों की स्थिति को इतनी दयनीय स्थिति में पहुंचा दिया है कि अब डी.एड युवक-युवतियों ने “मुंडन संस्कार” कराकर शीघ्र नियुक्ति दिलाने की मांग की है.
सहायक शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन 04 मई 2023 काे विज्ञापित किया गया था जिसे डीएड अभ्यर्थियों ने 30 दिवस भीतर परीक्षा पूर्व छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका (WPS3541/2023) दायर कर चैलेंज किया था. इस दाैरान सुप्रीम कोर्ट में डीएड वर्सेस बीएड विवाद का फैसला जनवरी 2023 मे सुरक्षित कर लिया गया था. जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को जारी किया गया. इस फैसले के अनुसार बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक पद के लिए असंवैधानिक घोषित किया जिसके पालनार्थ में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 21 अगस्त 2023 काे केवल डीएड अभ्यर्थियों का काउंसलिंग में भाग लेने का आदेश पारित किया था जिसे बीएड डिग्री धारकों ने सुप्रीम काेर्ट मे चैलेंज किया. जिस पर अंतरिम आदेशानुसार बीएड डिग्री धारकों का काउंसलिंग और नियुक्ति हाईकाेर्ट के अंतिम आदेश के अधीन सुप्रीम कोर्ट ने रखा, जिसपर अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट ने 02 अप्रैल 2024 काे दिया जिसके अनुसार सहायक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारको के स्थान पर केवल डीएड धारको की 06 सप्ताह के भीतर नियुक्ति का अंतिम आदेश पारित किया.
छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट के इस फैसले के विरूद्ध बीएड डिग्री धारकों ने 06 याचिका और छत्तीसगढ़ सरकार ने 02 याचिका दायर कर सुप्रीम काेर्ट में चैलेंज किया जिसे 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इन समस्त याचिका खारिज कर डीएड के पक्ष मे फैसला दिया और हाईकोर्ट के फैसले को पूर्णतः सही ठहराते हुए इस विवाद को अंतिम रूप से निस्तारित कर फैसले को जल्द पालन करने का निर्देश छत्तीसगढ़ सरकार को दिया है.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश काे 06 महीने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश काे 01 महीना होने काे है, न्यायालय के इस फैसले पर विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया है, जिससे काउंसलिंग कराकर अपने पद से वंचित बेरोजगाार मानसिक रूप से पीड़ित डीएड अभ्यर्थी व्यथित होकर न्याय के लिए यात्रा निकालकर विभाग और सरकार से नियुक्ति की गुहार लगा रहे हैं.