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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

ShivApr 11, 20252 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्री आनंदपुर धाम…

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उन्नत और समृद्ध रही है प्राचीन भारतीय वास्तुकला : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राचीनकाल…

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार…

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

ShivApr 11, 20254 min read

रायपुर।   शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के बिना…

April 11, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

गुरु दर्शन मेला में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गुरुगद्दी की पूजा- अर्चना कर प्रदेशवासियों की ख़ुशहाली और समृद्धि की कामना की

रायपुर।      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बाबा गुरू घासीदास की कर्मभूमि एवं सतनामी पंथ के संत श्री अमरदास की तपोभूमि तेलासी धाम में आयोजित गुरु दर्शन मेला में शामिल हुए। उन्होंने गुरु गद्दी की पूजा-अर्चना कर नमन किया और छत्तीसगढ़वासियों की खुशहाली और तरक्की के लिए कामना की। इस अवसर पर तेलासीपुरी धाम सर्वोच्च गुरु गद्दीनशीन श्री आसम दास साहेब भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, सांसद जांजगीर चांपा कमलेश जांगड़े, पूर्व विधायक सनम जागड़े, कलेक्टर दीपक सोनी एसपी विजय अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में राजमहन्त,संत और श्रद्धालु गण उपस्थित थे।

तेलासीपुरी का ऐतिहासिक महत्व

जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से लगभग 40 किलोमीटर दूर भैसा से आरंग मार्ग में ग्राम तेलासी स्थित है। जहां पर बाबा गुरू घासीदास की कर्मभूमि एवं सतनामी पंथ के संत अमर दास की तपोभूमि जिसे स्थानीय लोग तेलासी बाड़ा भी कहते हैं। सतनाम पंथ के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। 1840 के लगभग तेलासी बाड़ा का निर्माण बाबा गुरु घासीदास के द्वितीय पुत्र गुरु श्री बालक दास द्वारा निर्माण किया गया।