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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय…

जातिगत जनगणना पर केंद्र सरकार के निर्णय का सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने किया स्वागत

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ…

तबादलों को लेकर ACS की अगुवाई में बनी कमेटी, IAS मनोज पिंगुआ बनाए गए अध्यक्ष

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  राज्य में तबादलों का दौर शुरू होने वाला है।…

रायपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर होंगे शिफ्ट, 18 जून से नए स्थान से मिलेगा टिकट

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर रेल मंडल द्वारा रायपुर रेलवे…

June 17, 2025

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सफलता की कहानी – पहाड़ी कोरवा छतकुंवर अब बन गई शिक्षिका

रायपुर।     विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा से ताल्लुक रखने वाली छतकुंवर की पहचान अब शिक्षिका के रूप में होगी। छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन कोरबा द्वारा छतकुंवर को सहायक शिक्षक के रूप में नौकरी दे दी गई है। विशेष पिछड़ी जनजाति की होने के बावजूद छतकुंवर ने पोस्ट ग्रेजुएशन तक शिक्षा हासिल करने के साथ कम्प्यूटर में डिप्लोमा भी की है। छतकुंवर के उच्च शिक्षा हासिल करने के पीछे तत्कालीन कलेक्टर पी. दयानंद की विशेष प्रेरणा रही है।

कोरबा में कलेक्टर रहने के दौरान पी. दयानंद एक बार दौरे में कोरबा ब्लॉक के आंछीमार गांव पहुंचे थे। इस दौरान गांव में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी पहाड़ी कोरवा जनजाति की छात्रा छतकुंवर से मुलाकात हुई थी। कलेक्टर ने छतकुंवर को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा था कि उसे नौकरी हासिल करने के लिए आगे की पढ़ाई पूरी करनी होगी।

पोस्ट ग्रेजुएट छतकुंवर आज सहायक शिक्षिका के रूप में करतला ब्लॉक के शासकीय माध्यमिक शाला नोनबिर्रा में अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रही है। विषम परिस्थिति में एक गरीब परिवार में पली-बढ़ी वह कहती है कि उन्हें खुशी है कि तत्कालीन कलेक्टर पी. दयानंद ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया था। उनकी प्रेरणा का ही परिणाम है कि वह पोस्ट ग्रेजुएट तक शिक्षा हासिल कर शिक्षक बन गई हैं।

छतकुवंर का कहना है कि पहाड़ी कोरवा समाज अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है। समाज के कुछ लोग ही शिक्षा हासिल कर पाये हैं। उन्हें नौकरी दिए जाने से जो पिछड़े हुए हैं उन्हें भी प्रेरणा मिल रही है। वे लोग भी पढ़ाई करने स्कूल जा रहे हैं। छतकुंवर चाहती है कि अन्य समाज की तरह उनके समाज के सभी लोग शिक्षा से जुड़ पाएं और एक सामान्य जीवनयापन कर सकें। छतकुंवर ने उन्हें और उनके समाज के बेरोजगारों को नौकरी से जोड़ने आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर विकास से जोड़ने के लिए शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया और बताया कि नौकरी मिलने के बाद घर की आर्थिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहाड़ी कोरवा समाज के अनेक घरों में आज भी जीवनयापन सामान्य नहीं है। गरीबी की वजह से ही वे पीछे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने शिक्षा से नाता जोड़ लिया, आज इसी का परिणाम है कि जिला प्रशासन ने उन्हें नौकरी देकर बहुत पिछड़े हुए समाज को अन्य समाज के साथ मुख्यधारा में लाने और बेहतर भविष्य बनाने की दिशा में कदम उठाया है। छतकुंवर बताती है कि उनके समाज में युवा ज्यादा पढ़ाई नहीं किये थे, इसलिए आठवीं पास सजातीय युवक से विवाह हो गया। इस बीच उन्हें 12वीं तक पढ़ाने में मदद की। अभी उनके पति की नौकरी भी भृत्य के पद पर लग गई है और परिवार खुश है।