दुर्ग विभाग के बालोद जिला के डौंडी ब्लॉक केन्द्र में विद्यालय प्रारंभ
बालोद। सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ प्रांत के मार्गदर्शन पर,सरस्वती शिशु मंदिर दल्लीराजहरा के समिति और डौंडी के समिति के प्रयास आज 15 जुलाई को डौंडी में सरस्वरी शिशु मंदिर का विधिवत उद्घाटन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डौंडी नगर के प्रतिष्ठित समाजसेवी सुमित जैन ,कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ प्रांत के संगठन मंत्री आदरणीय डॉ देवनारायण साहू, विषेश अथिति के रूप में सोमेश सोरी (अध्यक्ष नगर पंचायत डौंडी), राम बाबू जयसवाल (समाज सेवी), मन्नू राम नायक (पूर्व पुलिस अधिकारी), सुनिल जैन (समाज सेवी), रूखमणी आल्हा (महिला समाज सेवी), राजेंद्र राठी (मा. जिला संघ चालक बालोद) , शेखर रेड्डी (सचिव सरस्वती शिशु मंदिर दल्लीराजहरा) पुरुषोत्तम सोनवानी (अध्यक्ष सरस्वती शिशु मंदिर डौंडी), रोशन साहू (सचिव सरस्वती शिशु मंदिर डौंडी), अंकित तिवारी,(कोषाध्यक्ष सरस्वती शिशु मंदिर डौंडी), कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती, भारत माता एवं ओंकार के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मां सरस्वती की वन्दना के बाद मुख्य अतिथि सुमित जैन ने अपने उद्वोधन में कहा कि मेरे दादा जी द्वारा यहां भूमि और भवन दान में दिए हैं। हमारे ग्राम के लिए गौरव का विषय है कि पुनः विद्यालय का प्रारम्भ किया जा रहा है। मैं आगामी दो वर्ष तक जीतने छात्र पढ़ेंगे उसका शुल्क दूंगा ऐसा घोषणा किया गया। और जो भी आवश्यकता होगी उसे भी पुरा करूंगा कहा गया। विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित नगर पंजायत डौंडी के अध्यक्ष श्री सोमेश सोरी जी ने 25 नग फर्नीचर देने की घोषणा किया गया। विशेष अतिथि श्री बाबू लाल जयसवाल जी द्वारा 51000/(इंक्यावन हजार रुपए) विद्यालय को देने की घोषणा किया गया। अध्यक्षी उद्वोधन में प्रांतीय संगठन मंत्री आदरणीय डॉ देवनारायण साहू विद्या भारती की विषेताओ को बताते हुए बालक का सर्वांगीण विकास कैसे किया जाता है, उसे आधार भूत विषय के आधार पर पंच कोषात्म विकास को बताया और विद्या भारती के उद्देश के बारे में बताया गया। सरस्वती शिशु मंदिर दल्लीराजहरा के बहनों द्वारा योग का एवम् सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में दुर्ग विभाग के विभाग समन्वयक दीपक सोनी, जिला समन्वयक दीपक हिरवानी, एवम पूषण भूआर्या, दल्लीराजहरा विद्यालय के समिति से अशोक टाटिया, कन्हैया लाल कुकरेजा, महेंद्र भाई पटेल, प्राचार्य भूपेंद्र तिवारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।