Special Story

साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

ShivNov 15, 20241 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजगढ़ जिले के…

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में…

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माँ क्षिप्रा…

November 16, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

Home » मोक्षित कार्पोरेशन उपकरण सप्लाई पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल का बड़ा बयान, कहा- बजट के बिना दिया आर्डर, आईएएस अधिकारियों की कमेटी करेगी जांच

मोक्षित कार्पोरेशन उपकरण सप्लाई पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल का बड़ा बयान, कहा- बजट के बिना दिया आर्डर, आईएएस अधिकारियों की कमेटी करेगी जांच

रायपुर-  मोक्षित कार्पोरेशन द्वारा रीएजेंट और उपकरण सप्लाई के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आवश्यकता से अधिक सप्लाई की गई है. बजट के बिना ऑर्डर दिया गया है. आईएएस लेवल के अधिकारियों की कमेटी जांच करेगी. जांच के बाद आई रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. 

स्वास्थ्य विभाग और सीएजी की टीम के बीच समीक्षा बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य संचालक, मिशन संचालक, CGMSC MD मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज़ लेकर बैठक में मौजूद थे. स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि ऑब्जर्वेशन ऑडिट के बाद अब सीएजी ने जाँच शुरू कर दी है. लगभग 400 करोड़ का देनदारी बाकी है. भुगतान रोक दी गई है.

बता दें कि 660 करोड़ रुपए के गोल-माल को लेकर भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था. लेखा परीक्षा की टीम CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो पाया कि कंपनी से बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी.

ऑडिट में पाया गया है कि दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया. जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया. प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी.