Special Story

कांग्रेस विधायक के पीएसओ ने सर्विस राइफल से खुद को मारी गोली, आत्महत्या का कारण अज्ञात…

कांग्रेस विधायक के पीएसओ ने सर्विस राइफल से खुद को मारी गोली, आत्महत्या का कारण अज्ञात…

ShivApr 20, 20251 min read

बलौदाबाजार। भाटापारा कांग्रेस विधायक इंद्र साव की सुरक्षा में तैनात…

नौवीं की छात्रा से दुष्कर्म, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, शिक्षक समेत एक अन्य पर FIR दर्ज

नौवीं की छात्रा से दुष्कर्म, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, शिक्षक समेत एक अन्य पर FIR दर्ज

ShivApr 20, 20251 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। स्कूल में मानवता को शर्मसार करने वाला एक सनसनीखेज…

संस्कृति की रक्षा और जनकल्याण में आर्य समाज की भूमिका अनुकरणीय : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

संस्कृति की रक्षा और जनकल्याण में आर्य समाज की भूमिका अनुकरणीय : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

ShivApr 20, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गुजरात के राज्यपाल…

April 20, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सड़क बनाने किसानों की जमीन अधिग्रहित, मुआवजा मांगने पर धमका रहे अधिकारी, मियाद खत्म होने के बाद भी नहीं बनी सड़क

सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में सड़क बनाने वाली कंपनी एडीबी की मनमानी देखने को मिल रही है। जिले में सड़क निर्माण के लिए सालों पहले किसानों की जमीनें अधिग्रहित की गई थी। लेकिन कई किसानों को अब तक मुआवजे के लिए भटकना पड़ रहा है। मुआवजे की मांग करने पर अधिकारी प्रशासन की मदद से किसानों को धमका रहे हैं। 

वहीं समय सीमा खत्म होने और सालों बीतने के बाद अब तक सड़क बनकर तैयार नहीं हो पाई है। अब आगामी बरसात को देखते हुए एडीबी नियम विरुद्ध जा कर सड़क बनाने की तैयारी कर रही है। एडीबी की मनमानी और मुआवजे ना मिलने को लेकर किसानों में शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश उभरने लगा है।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, सालों पहले जिले में सक्ती से टुंडरी मार्ग पर लम्बाई  31-481 कि. मी. और मालखरौदा से जैजैपुर मार्ग के सड़क निर्माण और चौड़िकरण के लिए किसानों की जमीनें अधिग्रहित की गई थी। जिसमें सक्ती-टुन्ड्री मार्ग के लिए अतिरिक्त जमीन क्रय निति शासन का आदेश क्रमांक एफ 7-4-1/20215 दिनांक 30 मार्च 2016 का संशोधन दिनांक 27-09-2017 के अनुसार ग्राम कर्रापाली एवं झर्रा के किसानों को मुआवजा दिया गया। 

इनमें से बहुत से किसानों ने मुआवजा राशी पर सहमती नहीं दी थी। जिसके बाद उनके जमीनों का फिर से नाप हुआ और राजस्व विभाग द्वारा जमीन का प्रकरण बनाया गया। लेकिन आज तक उन बचे हुए किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया। किसान लगातार साल 2021 से शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। 

नियम विरुद्ध हो रहा सड़क निर्माण

जानकारी के अनुसार, इन दोनों मार्गों पर सड़क बनाने के लिए 16 मीटर चौड़ी जमीन की आवश्यकता थी, लेकिन कई जगहों पर किसान मुआवजा राशि से संतुष्ट नहीं थे, जिसके कारण एडीबी के साथ उन किसानों का समझौता नहीं हो सका। उन जगहों पर अब एडीबी के अधिकारी नियम विरुद्ध सड़क बना रहे हैं। कई जगहों पर 12 मीटर तो कही 10 मीटर तो कही 8 मीटर सड़क बनाने की तैयारी चल रही है। जबकि सड़क निर्माण के लिए पहले से ही एस्टीमेट तैयार हो चुका है, लेकिन अब एडीबी द्वारा एस्टीमेट से हटकर कार्य कराया जा रहा है जो की नियम विरुद्ध है।

क्या कहते है अधिकारी

इस मामले में राजस्व अधिकारी का कहना है, की कुछ किसानों से सहमति नहीं बन पाई है, मगर बरसात को देखते हुए वहां पूर्व की शासकीय सड़क पर ही सड़क निर्माण कराया जाएगा। बाद में किसानों से अगर सहमति बनती है, तो सड़क और चौड़ी कर देंगे।