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NSUI का सदस्यता अभियान शुरू, संगठन में एक लाख नए सदस्य जोड़ने का रखा लक्ष्य…

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ShivJan 11, 20253 min read

रायपुर।    प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने…

‘छत्तीसगढ़ के रामायण’ के किरदारों पर डिप्टी सीएम अरुण साव का तंज, कहा- कांग्रेस नेताओं को सोचना चाहिए…

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ShivJan 11, 20252 min read

रायपुर। सोशल मीडिया में वायरल “छत्तीसगढ़ के रामायण’ के पात्रों को…

तातापानी महोत्सव : बॉलीवुड, छालीवुड और भोजपुरी कलाकारों से सजेगी शाम, नशेड़ियों पर होगी सख्ती…

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ShivJan 11, 20252 min read

बलरामपुर। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज…

January 11, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

2 महिला माओवादी समेत 9 हार्डकोर नक्सलियों ने किया सरेण्डर, कुल 43 लाख के इनाम की हुई थी घोषणा…

सुकमा।   छत्तीसगढ़ के सुकमा में आज 2 महिला नक्सलियों समेत 9 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्म समर्पण कर दिया है. इनमें से 2 नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपए के इनाम थे और 4 नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की गई थी. सरेण्डर हुए सभी 9 नक्सलियों पर कुल 43 लाख रुपए का इनाम घोषित था, जो बुर्कापाल घटना समेत दर्जनों घटनाओं में शामिल रहे हैं. इन सभी नक्सलियों ने पुलिस के दबाव बढ़ने पर और नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर SP किरण चौहान के समक्ष आत्म समर्पण किया है।

बता दें, बस्तर संभाग नक्सलियों का कोर क्षेत्र माना जाता है, लेकिन संभाग के सभी जिलों में सुरक्षा बलों के नए केम्प स्थापित किए गए हैं, जिससे नक्सलियों पर पुलिस का दबाव बढ़ा है. वहीं सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना से भी प्रभावित होकर नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया और मुख्य धारा से जुड़ कर नए सिरे से शुरुआत करने का फैसला लिया है.

क्या है नियद नेल्लानार योजना?

नियद नेल्लानार का मतलब है ‘आपका आदर्श गांव’. यह योजना विष्णुदेव साय सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने की मुहिम चलायी जा रही है. इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन से इसका असर अब अंदरूनी गांवों में भी देखने को मिल रहा है. स्थानीय हाट बाजार अब गुलजार होने लगे हैं. बंद पड़े हाट बाजार और स्कूल अब फिर से शुरू हो रहे हैं, जिससे बस्तर अंचल की तस्वीर बदल रही है. नक्सली प्रगतीशील समाज का हिस्सा बनने सामने आकर आत्म समर्पण कर रहे हैं और सरकार उनका पुनरुत्थान कर रही है. सालों से बम धमाकों के बीच दहशत में जीवन गुजारने वाले आदिवासियों के जीवन का पुराना दौर लौटने लगा है और इन इलाकों में सािलों बाद मांदर की थाप फिर गूंजने लगी है.