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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

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ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

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ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

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ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

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ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

विश्वविद्यालय-सरकार में समन्वय के लिए 9 यूनिवर्सिटी के लिए 7 नोडल अधिकारियों किये गये नियुक्त

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक अभिनव प्रयोग की शुरुआत हुई है। राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के संचालनालय और शासकीय विश्वविद्यालयों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है। इस पहल का उद्देश्य विश्वविद्यालयों में उत्पन्न होने वाली शैक्षणिक, प्रशासनिक और परीक्षा संबंधी समस्याओं का समय पर और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना है।

उच्च शिक्षा आयुक्त संतोष देवांगन के निर्देशन में यह व्यवस्था लागू की गई है। संचालनालय में कार्यरत अधिकारियों को राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे वे संबंधित विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर नजर रख सकें और आवश्यकतानुसार मार्गदर्शन भी प्रदान कर सकें।

नोडल अधिकारियों की प्रमुख जिम्मेदारियों में विश्वविद्यालयों से जुड़ी छात्रों की समस्याओं, परीक्षा संबंधी तकनीकी अड़चनों, अकादमिक शेड्यूल के पालन, और प्रशासनिक गतिविधियों की निगरानी शामिल है। साथ ही, यह अधिकारी विश्वविद्यालयों से आने वाली शिकायतों का त्वरित निराकरण करने में भी सहायता करेंगे। इससे यह अपेक्षा की जा रही है कि छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान अब अधिक पारदर्शिता और दक्षता के साथ होगा।

इस प्रणाली के लागू होने से संचालनालय और विश्वविद्यालयों के बीच संवाद और तालमेल बढ़ेगा, जिससे नीतियों का बेहतर क्रियान्वयन संभव हो सकेगा। इससे छात्रों की सुविधा भी बढ़ेगी, क्योंकि अब उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यदि यह प्रयोग सफल होता है तो इसे आगे चलकर निजी विश्वविद्यालयों या अन्य शैक्षणिक संस्थानों तक भी विस्तार दिया जा सकता है।

उच्च शिक्षा विभाग की यह पहल यह दर्शाती है कि छत्तीसगढ़ सरकार न केवल नीतियां बना रही है, बल्कि उनके क्रियान्वयन और निगरानी के लिए भी ठोस ढांचा तैयार कर रही है। इससे न केवल विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी, बल्कि छात्रों का भरोसा भी संस्थागत व्यवस्था पर मजबूत होगा।