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ShivJun 6, 20251 min read

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ShivJun 6, 20251 min read

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राशन दुकानों में खराब चावल की हो रही आपूर्ति, संचालक लौटाने को मजबूर

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ShivJun 6, 20252 min read

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June 6, 2025

Apni Sarkaar

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राजीव भवन पहुंची 4 सदस्यीय ईडी की टीम, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह से बंद कमरे में हो रही पूछताछ …

रायपुर। शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के साथ पूछताछ के बाद आज ईडी की टीम राजीव भवन (कांग्रेस भवन) पहुंची है. यहां प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह से बंद कमरे के पूछताछ की जा रही है. ED की 4 सदस्यीय टीम सुरक्षा बल के साथ कांग्रेस भवन पहुंची है.

ईडी के राजीव भवन पहुंचने के मामले में कांग्रेस प्रभारी महामंत्री मलकित सिंग गेंदू ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी राजीव भवन पहुंचे थे. उन्होंने सुकमा जिले के राजीव भवन के निर्माण को लेकर कई जानकारिया मांगी गई. ईडी अफसरों ने समन देकर 27 तारीख तक जवाब मागा है. हमारे पास सभी दस्तावेज मौजूद हैं. जिसे जवाब के साथ दिया जाएगा.

साल 2019 में उजागर हुआ था मामला

ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लिकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके. इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी को टेंडर दिया था.

ईडी ने अपनी जांच के बाद यह बताया है कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में संशोधन करके यह टेंडर उसी कंपनी को दे दिया गया था. ईडी के टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक से भारी कमीशन लिया गया था. यह जानकारी सामने आने के बाद जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उसने कांग्रेस सरकार में CSMCL में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया.

ED ने जब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे होने लगे. इसके बाद साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया. सूत्रों के मुताबिक ED की जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमिशन मिलाता था.

28 दिसंबर को ED ने कवासी लखमा और बेटे हरीश के घर मारा छापा

बीते साल 28 दिसंबर को ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के रायपुर के धरमपुरा स्थित बंगले पर पहुंची थी. इस दौरान पूर्व मंत्री को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली गई. साथ ही, कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित घर और सुकमा जिले में लखमा के बेटे हरीश लखमा और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई. ईडी के छापे के बाद कवासी लखमा ने कहा था कि घोटाला हुआ है या फिर नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं अनपढ़ आदमी हूं, अधिकारी मुझे जहां साइन करने को कहते थे, मैं कर देता था.

ED को मिले थे अहम सबूत

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के घर पर छापामार कार्रवाई के बाद ED ने 2 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए लिखा था कि, छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 जगह तलाशी अभियान चलाया गया.

ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में (पीओसी) प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी की अपराध से अर्जित आय के उपयोग से जुड़े सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है. इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं.

3 बार पूछताछ के बाद हुई लखमा की गिरफ्तारी

गौरतलब है कि ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था, लेकिन उससे पहले दो बार 8-8 घंटे तक पूछताछ की थी, लखमा के साथ उनके बेटे हरीश लखमा से भी ED के अधिकारियों ने पूछताछ की थी.