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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

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ShivApr 11, 20252 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्री आनंदपुर धाम…

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उन्नत और समृद्ध रही है प्राचीन भारतीय वास्तुकला : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राचीनकाल…

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार…

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

ShivApr 11, 20254 min read

रायपुर।   शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के बिना…

April 11, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पानी को संरक्षित करने की शपथ लेकर संगठित हुए 36 कमार परिवार, पीपरहीभर्री में 36 कमार परिवार जल संरक्षण हेतु बना रहे डाईक डबरी और तालाब

रायपुर।     जल का संरक्षण करने और उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए धमतरी जिला प्रशासन द्वारा जिले में जल जगार महोत्सव मनाया जा रहा है। नारी शक्ति से जल शक्ति के तहत आयोजित इस अभियान में जिले के विशेष जनजाति कमार आदिवासी परिवार भी पीछे नहीं रहे। पानी के गिरते हुए स्तर से चिंतित होकर कमार आदिवासी भी स्वयं की जमीन में वर्षा जल को संचित करने के लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने इसके लिए पीपरहीभर्री में तालाब, डबरी और डाइक निर्माण करने अपना कदम बढ़ा रहे हैं। जिले के वनांचल आदिवासी बाहुल्य नगरी विकासखण्ड के ग्राम पीपरहीभर्री के 36 कमार परिवारों ने वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें मिले जमीन पर जल संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में कार्य करने जुट गए है।

जिले में कलेक्टर नम्रता गांधी की पहल पर चल रहे जल जगार उत्सव से प्रेरित होकर अन्य लोगों के साथ-साथ विशेष जनजाति कमार परिवार भी पानी संरक्षित करने आगे आ रहे है। उन्होंने इस ओर कदम बढ़ाते हुए निजी जमीन पर डबरी, तालाब तथा नाला में डाईक बनाने का काम शुरू कर दिया है। ग्राम पीपरहीभर्री के तीन कमार आदिवासी परिवार जहां मछली पालन के लिए तालाब बनाए हैं, वहीं बारिश के पानी को रोकने के लिए डबरियों का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा गांव के समीप से गुजरने वाले नाला में डाईक संरचना बनाई जा रही है, जिससे पानी का स्तर ऊंचा उठे और जमीन पर नमी बनी रहे। साथ ही आसपास के बोर, नलों में वाटर रिचार्ज होती रहे।

गौरतलब है कि नाला में गड्ढानुमा संरचना बनाई जाती है तथा उसमें पानी को रोकने के लिए पॉलीथिन के आकार की संरचना बनाई जाती है, जिसे डाइक कहते हैं। नाला में डाईक बनने से पानी तो भरा रहता है, साथ ही आसपास की जमीन में नमी बनी रहती है। कमार आदिवासी परिवार वनों को हरा-भरा बनाए रखने और वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने तथा आने वाले समय में पानी की कमी से निजात पाने के लिए मुस्तैदी से जल संरक्षण की दिशा में कार्य को कर रहे हैं। बता दें कि ग्राम पीपरहीभर्री में 36 कमार आदिवासी परिवार हैं, जिनमें 113 सदस्य हैं। आगामी 5 एवं 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में जल जगार महोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है।