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औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के लिए मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 22, 20257 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की…

NRDA सीईओ को हाईकोर्ट से फटकार, अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर के आदेश

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ShivJan 22, 20252 min read

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा एक…

रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

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ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालय को अब पुराने…

मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

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ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। मतदाताओं को जागरुक करना. मतदान के लिए प्रेरित करना.…

January 22, 2025

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दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में मनाया गया 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर का तप कल्याणक दिवस

आत्मा को परमात्मा बनाने का पुरुषार्थ है भगवान महावीर स्वामी की तप साधना:- श्रेयश जैन बालू

रायपुर।   श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड रायपुर के जिनालय में आज वैशाख शुक्ल दशमी 18 मई शनिवार को प्रातः 8.30 बजे श्री पार्श्वनाथ भगवान की बेदी के समक्ष 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी तप कल्याणक दिवस भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू ने बताया की आज सर्वप्रथम 8.30 बजे मंगलाष्टक पाठ प्रारंभ कर भगवान महावीर की खड्गासन जिनप्रतिमा को विराजमान किया गया। शुद्ध प्रासुक जल से उपस्थित सभी धर्म प्रेमी बंधुओ ने जिन प्रतिमा का विनय भाव से अभिषेक किया। साथ ही साथ आज की रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता लघु शांति धारा करने का सौभाग्य प्रदीप जैन चाइल्ड केयर वालो को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात आरती कर अष्ट द्रव्यों से देव शास्त्र गुरु पूजन एवं महावीर स्वामी पूजन कर तप कल्याणक दिवस मनाया गया। जैन दर्शन के अनुसार अष्ट कर्मों का नाश करने के लिए व्यक्ति को तप साधना करनी पड़ती है। आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए कठोर परीषहो को समता पूर्वक सहन करना पड़ता है। 30 वर्ष की अवस्था में दीक्षा लेने के बाद भगवान महावीर स्वामी को कैवल्योपलब्धि हुई। 12 वर्ष 5 माह तक एवं 15 दिन तक कठोर तप किया जिसके बाद वैशाख शुक्ल दशमी को आपको केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई। केवल ज्ञान की प्राप्ति के बाद योग्य गणधर इंद्रभूति गौतम के आगमन पर उन्होंने सर्वप्रथम प्राणियों के कल्याण के लिए उपदेश दिया। तपस्या के समय उन्होंने समता पूर्वक अनेक उपसर्गों को सहन किया। अतः आज भी व्यक्ति व्रत उपवास और संयम की साधना भगवान महावीर स्वामी के बाह्य तप के अनुसार करते हैं उनकी तप साधना आत्मा को परमात्मा बनाने का पुरुषार्थ है। चाहे वर्षाकाल हो या ग्रीष्मकाल परिस्थितियों को सहन करते हुए भगवान महावीर स्वामी ने तपस्या में एकाग्रचित्त होकर धर्म साधना की। उनकी यह तपस्या कर्मों को जीतने के लिए थी। भगवान महावीर स्वामी के जियो और जीने दो के सिद्धांत को बताया। अपने लिए तो सभी जीने की भावना रखते हैं लेकिन महावीर स्वामी ने जीने दो की भावना पर जोर देकर सभी प्राणियों को निर्भयता से जीवन जीने का उपदेश दिया। उन्होंने निर्जन वनों में भी तप साधना कर आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। भगवान महावीर स्वामी की तप साधना महान थी। इस अवसर पर आज विशेष रूप से श्रेयश जैन बालू, प्रवीण जैन मामा, प्रदीप जैन चाइल्ड केयर, प्रणीत जैन, नीरज जैन, पलक जैन के साथ साथ बड़ी संख्या में महिलाए उपस्थित थी।