Special Story

नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की राह आसान नहीं, शपथग्रहण के पूर्व मच गया बवाल…

नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की राह आसान नहीं, शपथग्रहण के पूर्व मच गया बवाल…

ShivMar 25, 20251 min read

बलौदाबाजार। जिला पंचायत बलौदाबाजार-भाटापारा की नवनिर्वाचित अध्यक्ष आकांक्षा गोलू जायसवाल की…

छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य भेंट

छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य भेंट

ShivMar 25, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अंजय शुक्ला एवं…

March 25, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

तेलंगाना, आंध्र और ओडिशा बॉर्डर में सक्रिय 22 नक्सलियों ने किया सरेंडर, सरकार की योजनाओं से प्रेरित होकर हिंसा का किया त्याग

बीजापुर।  छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने की दिशा में पुलिस को आज एक और बड़ी सफलता मिली है. कोर नक्सल क्षेत्र बीजापुर में 22 नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया है. सरेंडर करने वाले नक्सली में तेलंगाना स्टेट कमेटी और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर के सदस्य हैं. इनमें से 6 लोगों पर कुल 11 लाख रुपये का ईनाम घोषित था. सभी 22 नक्सली फायरिंग, आईडी ब्लास्ट और आगजनी जैसे अन्य अपराधों में शामिल रहे हैं.

बता दें, प्रदेशभर में नक्सलियों के खात्मे के लिए सुरक्षा बलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. बीजापुर जिले में वर्ष 2025 में अब तक कुल 107 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 143 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा, 82 माओवादियों को सुरक्षाबलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया है.

पुलिस लगातार उनके हथियार, कैश और दैनिक जीवन से संबंधित सामाग्रियों को खोजकर जब्त कर रही है. साथ ही सप्लायरों को भी दबोचा गया है. इससे माओवादी संगठन में काफी दबाव बना है. वहीं सरकार ने नक्सलियों को समाज में वापिस लौटने और एक सामान्य जीवन जीने के लिए भी रास्ता दिया है. सरकार की नियद नेल्लानार और पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. इसी प्रकार आज इन 22 नक्सलियों ने भी सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ने और प्रदेश के विकास में सहियोग देने के लिए सरेंडर कर दिया है.

नक्सलियों के सरेंडर को लेकर पुलिस ने कहा कि “यह आत्मसमर्पण सरकारी पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास को दर्शाता है. यह सफलता सुरक्षा बलों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है.”