Special Story

सर्पदंश मुआवजा वितरण में बड़ा फर्जीवाड़ा, वकील, डॉक्टर समेत 5 लोगों के खिलाफ FIR, जानिए पूरा मामला…

सर्पदंश मुआवजा वितरण में बड़ा फर्जीवाड़ा, वकील, डॉक्टर समेत 5 लोगों के खिलाफ FIR, जानिए पूरा मामला…

ShivMay 8, 20252 min read

बिलासपुर।   सर्पदंश मुआवजा वितरण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है.…

चेन स्नेचिंग की शिकार महिला ने अस्पताल में तोड़ा दम, CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस…

चेन स्नेचिंग की शिकार महिला ने अस्पताल में तोड़ा दम, CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस…

ShivMay 8, 20251 min read

बिलासपुर। 2 दिन पहले हुई चेन स्नेचिंग की घटना में गंभीर…

बैगा समुदाय की बिटिया ने किया टॉप, मुख्यमंत्री से की मुलाकात, अच्छे अंक लाने पर किया सम्मानित

बैगा समुदाय की बिटिया ने किया टॉप, मुख्यमंत्री से की मुलाकात, अच्छे अंक लाने पर किया सम्मानित

ShivMay 8, 20252 min read

रायपुर।   राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र और विशेष पिछड़ी जनजाति समूह…

फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध गैर-जमानती धाराओं में दर्ज होगा एफआईआर, कोर्ट ने दिया आदेश

फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध गैर-जमानती धाराओं में दर्ज होगा एफआईआर, कोर्ट ने दिया आदेश

ShivMay 8, 20252 min read

रायपुर। ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर फिल्म…

May 8, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

ड्राइवरों की हड़ताल को पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने दिया समर्थन, कहा-

रायपुर. देशभर में नए व्हीकल एक्ट को लेकर बवाल जारी है. नए कानून के खिलाफ ड्राइवर दो दिनों से हड़ताल पर हैं. इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री ने अपना समर्थन दिया है. पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने नए कानून पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिना किसी सलाह मशवरे और उस कानून से जनमानस को होने वाले नुकसान को अनदेखा कर मनमाने कानून थोपना केंद्र की मोदी सरकार की आदत बन चुकी है.

मोहन मरकाम ने कहा कि यदि देश के वाहन चालक आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं है कि वो केंद्र की मोदी सरकार की इस तानाशाही फैसले के अनुपालन में 7 लाख रुपए जैसी भारी भरकम जुर्माना पटा सके. एक तरफ तो भारी जुर्माना और दूसरी तरफ 10 साल की सजा का प्रावधान है. इस दोहरी मार से ना केवल वाहन चालक वरन उसका पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा. यदि वाहन चालक को 10 साल की जेल हो जाएगी तो उसका घर कौन चलाएगा. कैसे उसके परिवार का भरण पोषण होगा.

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा थोपे गए इस कानून से देश की अर्थव्यस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वाहन चालकों में दहशत व्याप्त है. दुर्घटनाएं जानबूझकर नहीं होती ऐसे में भारी भरकम जुर्माना और लंबी सजा का प्रावधान अमानवीय और अव्यवहारिक है. इसके पहले भी केंद्र की मोदी सरकार ने तीन काले कृषि कानून पारित किया था और पूरे देश में किसानों के भारी विरोध के बाद कानून वापस लेना पड़ा था. उसी तरह आज वाहन चालकों पर बने कानून को लेकर पूरे देश में वाहन चालक आंदोलन कर रहे हैं, जिससे मालपरिवहन वाहन यात्री बस आदि बंद हो गए हैं और जिसका असर माल परिवहन पेट्रोल डीजल की आपूर्ति सहित आम जनता के जीवन सहित उनके दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली सामग्री की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है और जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

पूर्व मंत्री माेहन मरकाम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को अहंकार त्यागकर वाहन चालकों की जायज मांग को देखते हुए तत्काल इस जनविरोधी कानून को रद्द किया जाए. देश के वाहन चालकों के हित को देखते हुए कानून में आवश्यक संसोधन करना चाहिए.